तोडो - तोडो नहीं मनकी भावना !

(तर्ज : छोडो-छोडो मोरे सैय्या सांवरे...!)
तोडो-तोडो नहीं मनकी भावना ! ।।टेक।।
बहुत जनम का हूँ दुखिया मैं ।
चाहता हूँ मुझको सुखिया मैं ।।
जरा पट खोलो मोहे बोलोना ? ।।1।। 
सत् नियत की लायी है माला |
जन - सेवा का ओढ दुशाला ।।
भगती - आरती    है   कामना ! ।।2।।
हम आवे और तुम लो खाडा ।
इतना   पाप   हमारा   जाडा ।।
हो    तो   भी   तुम    छोडोना ! ।।3।।
मन-मन्दिर की  निर्मल  बाती।
सोह के सँग   जलती   जाती ।।
तुकड्या के तुम  हो लो   ना  ।।4।।