छल न कर, बल न कर ।

(तर्ज : हम भी हैं तुम भी हो...)
छल न कर, बल न कर ।
तेरी खलबल से तूही सुधर ! ।।टेक।।
किसकी जवानी वो धुलमें मिलावे।
किसकी जवानी से आजादी पावे।।
आबादी लावे ।
चल उछल, अन न ढल ।।
तेरे भारत की करले फिकर ! ।।1।।
सुन्दर तेरा देश सबसे भरा ।
मोती -जवाहर है, इसमें हिरा।।
करके होता पुरा ।
दे नजर, ख्याल कर-
हो जो दुश्मन भी करले जिगर! ।।2।।
किसकी है शक्ति तुझे तोड दे ।
तेरा संगठन ही दुही  जोड दे ।।
रही साथ ले -
याद कर, ध्यान कर।।
सारे घर-घर की बदला नजर ।।3।।
दुही के पडदे जहाँ हैं बँधे।
चल जाके प्रीतीसे तू फाड दे।।
दिल   न   कर   दे   जुदे ।
बढ के चल, लड़ के चल।
दास तुकड्याकी सुन ले खबर ।।4।।