एक बार दिदार दिखा दे, यह दिल की प्यास मिटा दे
(तर्ज: चित पर पुनीत बनेगा...)
एक बार दिदार दिखा दे, यह दिल की प्यास मिटा दे ॥टेक ।।
तडप रही यह नेना, तुझको एकबार तो देखंगे ।
क्यों करता हे देर प्रभू ! अब ? बीचका भेद हटा दे।। यह0।।१।।
नहीं रहा जा सकता पलभी, बिन देखे दुख होता है ।
तुकड्यादास मिलाले तुझमें, पिछले दोष कटा दे।। यह0 ।।२॥।