जलनेवाले जलने दो, तुम सच्चा पथ ना छोडो ।

        (तर्ज : डमडम डमडम डमरु बाजे.... )
जलनेवाले जलने दो, तुम सच्चा पथ ना छोडो ।
            मेरी बातको ना मोडो ।।टेक।।
अपनी राहकों सोच-समझकर सच्चाईसे तय करना ।
कभी किसीकी न हो बुराई, यही   मगज   में   धरना ।
लाख जनोंका सुनलो, फिर भी निश्चय अपना जोड़ो ।।१।।
दुनिया उलटी-सुलटी बाबा ! किसको ठीक न बोले ।
मरनेपर  फिर  अच्छा -बूरा, पूजा करके  तोले ।
यही हुआ गांधी का मित्रो ! कहते आज करोड़ो ।।२।।
जिसने अपना जीवन सारा देश के खातिर खोया ।
अपने बच्चोंको भी पैसा जनता का   न   दिलाया ।
कहा कमाओ खाओ खुदही, ना किसके दिल तोडो ।।३।।
दिखा दिया है जगको, भारत में कइ लाल पडे है !
जो सेवा के खातिर अपनी बलि देनेको  खडे   है ।
कहता तुकड्या गरजा गांधी ब्रिटिशो ! भारत छोड़ो ।।४।।