अरे नटखट ! क्यों चलता है ?
(तर्ज : तेरे दया धरम नहीं मनमें. . )
अरे नटखट ! क्यों चलता है ? ।
तेरा नाम लिखा जावेगा ! ।।टेक।।
खून भरा तो क्या होता है, क्यों नहिं सेवा करता ? ।
बहु बेटी की इज्जत लेने, गल्लि - गल्लि फिरता ।।1।।
दिनभर झगडा, किसीको रगडा, किसीको मारे चाटा।
काल बली की पुकार आयी, दाल गले नहिं आटा ! ।।2 ।।
सबमें प्रेम करेगा तब तो जम भी मित्र बनेगा ।
तुकड्यादास कहे, नहिं तो फिर चौय्रासी ही छनेगा।। 3।।