अमर है तेरा नाम बापू !
(तर्ज : अब तो आँखें खोल...)
अमर है तेरा नाम बापू ! अमर है तेरा नाम ।।टेक।।
तू निर्भय सत्यका पुजारी,थी बलवान अहिंसा तेरी ।
कायरता तुझमें नहीं पनपी,- गाता विश्व तमाम ।।
बापू ! अमर है तेरा नाम ।।१।।
मानवताकी नींव उठाई,धर्म -समन्वय राह बताई ।
विश्वकुटूब बनाने अपना, किया जगतमें काम ।।
बापू ! अमर है तेरा नाम ! ।।२।।
तूने जो कुछ मार्ग बताया,बल्कि खुदसे कर दिखलाया।
उसकी ओर चलेगा भारत, तब पावे आराम ।।
बापू ! अमर है तेरा नाम ।।३।।
ऐसा दीप प्रकट जहाँ होता,था न पता ऐसा बुझ पाता ।
तुकड्यादास कहे धीरज दे, आगे बढ़ने काम ।।
बापू ! अमर है तेरा नाम ।।४।।