अन्तिम संकेत - वाणी
वं. राष्ट्रसंत श्री तुकडोजी महाराज इनकी निर्वाणपूर्व
-प्रस्फुटित -
*अन्तिम संकेत-वाणी*
यह है साधू का दरबार, सब की सेवा को तैयार ।
आते -जाते लोग हजार, सबका होता बेडा पार ।।
गयी अब दुकानदारी पार,उठ गयो सेठजी को बेपार ।
चीजें लेनेवाले कौन ?, चले जायेंगे अपने भौन ।
जरूरत मालुम होगी बाद, खपेगा माल, रहे आबाद ।