जिता है किसके भरोसे ?

       (तर्ज: जीवन की नाव न डोले.... )
जिता है किसके भरोसे ? बोल जरा साच तू  मोसे ।
मालूम ना होगया जी से, प्यारे ! जरा पूछ किसीसे ।।टेक।।
किसने बनायी है दुनिया यह सारी ?
कौन खिलाता है? हम तो है भिखारी ।
करले तू खब्र कहीसे,
भाई ! डर न किसीसे ।। बोल 0।।१।।
सबको बनाया है उसका पता क्या ?
सबमें समाया है उसको बता  क्या?
तुकड्याकी मौज उसीसे,
तू       रंग     खुशीसे ।। बोल 0।।२।।