ईश्वर है मेरे सामने
(तर्ज: कमल है मेरे सामने... )
ईश्वर है मेरे सामने, ईश्वर है मेरे पास ।
ईश्वर कें बिना कुछ भी नही, मैं किसकी करूँ आस ? ।।टेक।।
ईश्वर से लौ लगाना, ईश्वर के गुण घोल ।
ऐ ईश्वर के आशिक-माशुक ! इंश्वर-इईश्वर बोल ।१।।
आजा - आजा
आजाना मेरे साथहि प्यारे ! ईश्वर से करे बात ।
इंश्वर - ईश्वर बोले मुखसे, ईश्वरही हो जात ।।२।।
आओ बंदे ! दर्शन पाओ, खुश रही दिनरात ।
ईश्वर तुमसे जुदा नहीं है,कहता है तुकड्यादास ।।३।।