तेरी सुन्दर सुरत, प्यारी मोहनी मुरत,
(तर्ज: जादुंगार बालमा...)
तेरी सुन्दर सुरत, प्यारी मोहनी मुरत,
मैने देखी नजर, मैने देखी नजर ।।टेक ।।
कहते कुछ ना बना, जब ह॒आ सामना ।
था सब्रेरा ह॒आ, थी वह ठंडी हवा ।
मैने सुमरन किया, ध्यान धरने लगा |
मेरी अँखियाँ लगी ज्योति दिलमें जगी ,
सुनने आया गजर ।। मैने देखी नजर ।।१।।
वह अनोखी छटा, साँवलीसी घटा ।
मेरे मनमें बसी, सारे जीमें घुसी ।
भेद था जीतना ह॒आ सारा फना,
ह॒आ तुकड्या जिगर ।। मैने देखी नजर ।।२।।