कहाँ गये प्यारे राम !
(तर्ज: घटा घनघोर घोर... )
कहाँ गये प्यारे राम ! कहाँ गये मेघश्याम ! धीर तो दिलाईये ।
आइये, देर ना लगाइये जी ! ।।टेक।।
निर्बल हैं हम भजन-पुजन में, दुर्बल है सेवा में ।
ज्ञान नहीं है देश धर्म का, भटक पड़े माया में ।
दर्शकों दिखाइये, राह बतलाईये, नैन को उठाइये
आइये, देर ना लगाइये जी ! ।।१।।
भवसागर की कठिन लहर में नाव हमारी आयी ।
कामक्रोध के गोते खाते है कुछ सूझत नाही ।
बाँह तो दिखाइये,किनारे लगाईये, आँधिसे बचाईये -
आईये,देर ना लगाईये जी ! ।।२।।
जगतारक है नाम तुम्हारा गाते वेद पुराना ।
तुकड्यादास कहे मनमोहन ! आना भारत आना ।
दुष्टको हटाइये, पापिको मिटाइये, धर्मको बचाइये -
आईये, देर ना लगाइये जी! ।।३।।