लगाना आग आसानी, बुझाना फेर मुष्किल है।

(तर्ज: प्रभू ! हा खेक दुनियेचा. .. )

लगाना आग आसानी, बुझाना फेर मुष्किल है।
लगाना प्यार प्रेमीसे, निभाना फेर  मुष्किल  है  ।।टेक ॥
विकारी प्रेम होता है, जहरसे भी कई ज्यादा।
विचारी प्रेम कर पाता, बडा ही और मुष्किल है ।। १ ।।
प्रेम तो पास ही में है,किसे देना किसे लेना ।
समझना और बर्ताना, सही तो और मुष्किल है ।। २ ।।
मेरा मतलब बहाना है, उसे दोनोंका मतलब है ।
दिपकपर प्रेम है सच्चा, बचाना फेर मुष्किल है  ।। ३ ॥
जलन है सबके अन्दर में किसीसे प्रेम कर पाता।
वो तुकड्यादास कहता है,समझना और मुष्किल है।। ४ ॥