हम आशक है तेरे नूरके

      (तर्ज: किस देवताने आज... ) 
हम आशक है तेरे नूरके, तू नूर  दिखादे ।।टेक।।
मंदरमें कोई कहते,मसजिद कोई सुनाते ।
मिलजा ऐ मेरे मालिक ! तू   नूर   दिखादे ।।१।।
जलवे में तेरे टुनियाकी शान भरी  कहते ।
परदे को अब  हटा   दे, तू   नूर   दिखादे ।।२।।
तेरी फिकर से मुझको खाना-पिना न भाता ।
बेचैन    तुझसे   हूँ   मै,  तू   नूर   दिखादे ।।३।।
आजा गलीमें आजा, अब देर ना लगाजा ।
दीवाने हम है   तुझपर, तू   नूर   दिखादे ।।४।।
तुकड्या है भीखमंगा, हरगीज ना हटेगा । 
आशा  को   पूरी   करदे, तू   नूर  दिखादे ।।५।।