किसका सहारा नही है

                 किसका सहारा नहीं है ।
मुँहसे कहते -भाई -भाई पर्वा किसके दिलमें नाही ।
अपने - आपमे दूही है ।।टेक।।
मै बालक हूँ अति अनजाना,मुझमें ग्यान ध्यान नहिं आना ।
जबतक तुम्हरी दया न होगी, प्रीत न कोई सही है ।
किसीका सहारा नहीं है ।।१।।
मुँहपर ही अच्छा कहते है,बखत पडा तब नहिं रहते है
धोखा है जीवनमें सारा, अबलौ लाज गयी है ।
किसीका सहारा नहीं है ।।२।।
दिल चाहता सत्‌संगत पावे, तबही भाग सदा खुल जावे ।
उस कारण आया चरणों में, ले लो कामना यही है ।
किसीका सहारा नहीं है ।।३।।
तुम्हरा नाम ही तो पावन है,कितने तारे जो हिनदिन है 
तुकड्यादास तेरे आधीन है, मनमें बात ये रही है ।
किसीका सहारा नहीं है ।।४।।