सबको मिला है, तेरा सहारा
(तर्ज : चाहूँगा मै तूझे सांझ सबेरे.... )
सबको मिला है, तेरा सहारा, जिसने भी तुझको दिलसे -पुकारा ।
मै भी वही कहूँगा, मैं भी वही कहूँगा ।।टेक।।
थोडा फरक है मुझमें उसीमें, मैं अवगुणी हूँ , ग्यानी कमी हूँ ।
धरो हाथ, करो बात, देके अधार ।
मैं भी वही कहँगा, मैं भी वही कहूँगा ।।१।।
वो प्रेम पाये,मैं हूँ अभागा, मुझमें अभी भी नहीं प्रेम जागा ।
करो दान, तारो जान, होगा उध्दार ।
मैं भी वही कहूँगा, मैं भी वही कहूँगा ।।२।।
गुणवानको सभी है चाहते, हीन-दीन देखें नहीं पास लेते ।
तेरा नाम, सुना राम, कर दो पार ।
मैं भी वही कहूँगा, मैं भी वही कहूँगा ।।३।।
तुकड्याको तारो, तुम हो तरैय्या, डुबी है मेरी ,मँझ धार में नैय्या ।
दीनानाथ ! लेलो साथ ! मुझसे हो प्यार ।
मैं भी वही कहूँगा, मैं भी वही कहूँगा ।।४।।