हम भारत की शान है, बीरों की सन्तान है।

(तर्ज.. प्यारा हिन्दुस्थान है...)  

हम भारत की शान है, बीरों की सन्तान है। 
बढो जवानों, लडो शत्रुसे,चाहे हो बलिदान है।।टेक ॥
आजादी की जंग है, फिका न होवे रंग है।
शत्रुपर हो विजय हमारा, यही रहे आहवान है।।१।।
हम शहिदों के पुत्र हैं, शील-जनोंके मित्र हैं।
अन्यायी और दगाबाज पर सदा चढे तूफान है।।२॥
पहाड-पत्थर फोडेंगे, बाँब से आगे दौडेंगे।
हिम्मत है नेकी की हममें, गीता का बरदान है।। ३॥
शुर शिवाजी की हिम्मत, महाराणा की है ताकद।
मर्दानी झाँसी की रानी का हमपर शिरस्त्राण है।।४॥ 
भगतसिंह की निगरानी, सुभाष की ऊँची बाणी।
गाँधीजी का आवाज आता, कायरता अपमान है।।५॥
गुलाम होने नहीं आये, चाहे लड़ते मर जाये।
कहता तुकड्यादास-हटो मत,जो हटते नादान है।।६॥