क्‍या किया, क्या किया क्या कियारे ?

(तर्ज : मानूं ना मानूं ना मानूं रे... )

क्‍या किया, क्या किया क्या कियारे ?
तुने जीवन गमाय दिया, क्या कियारे ?
जिसे पाना था, उसको तो छोड दियारे ! ।।टेका।।
अमृत को छोडा, पीता शराब है ।
भगवान्‌ के नाम मुख मोड दिया, भैय्या ! ।।१।।
विषयों के फँदे में बांधा गया तू ।
सत्‌ समागम को भूल गया, भेय्या !         ।।२।।
पेसों के खातिर करता मिलावट ।
नेकी और नीती को खोय गया, भैय्या !   ।।३।।
तनके घमण्ड से होगी फजिती  ।
तुकड्या कहे, जम बुलाय लिया,भैय्या ! ।।४।।