तुमको प्रणाम है, हमारा, तुमको प्रणाम है ।।टेक।। ध्यान धरूँ तुम्हरे चरणन का ।

(तर्ज: तुमको सलाम है...) (गजल) 

तुमको प्रणाम है, हमारा, तुमको प्रणाम है ।।टेक।।
ध्यान धरूँ तुम्हरे चरणन का ।
बोझ उतारूँ विषयी मन का ।।
जपता हूँ नाम हो।। हमारा0।।१॥।
सुबो की ठण्डी लहरावे ।
उछल-उछल मन ध्यान लगावे ।।
जो जिसका काम है !।। हमारा0 ।।२।।
चिन्ता है किसको बहिरंग की ।
हमको तो तुम्हरे चरणन की ।।
जाहिर ये आम है।। हमारा0।। ३ ।।
हे सद्गुरु मोहे दर्शन दीजो ।
सब दोषन को माफ करीजो।।
देकर लगाम है ।। हमारा0 ।।४।।
तुकड्यादास दास ही बोले ।
चाहे अटल महालो तौले ।।
इसमें अराम है ।। हमारा0।।५।।