तैय्यार हुआ है हिन्द तुम्हारे साथ । आओ चीनीयों ! मैदानमें देखो हिन्द का हाथ
(तर्ज: लो आयी मिलनकी रात सुहानी...)
तैय्यार हुआ है हिन्द तुम्हारे साथ ।
आओ चीनीयों ! मैदानमें देखो हिन्द का हाथ ।।टेक ॥
धोखे की राहपे क्यों चलते?
जब शूरके सँगमें लड़ना है?
बचके न जावोगे अबके,
बस मारग में ही तडपना है।
मारे - मराने से कौन बचे?
इतिहास सुनावे बात ।।1।।
देखो सिख्खोंकी ये बानी,
शत्रू का उतरेगा पानी ।
गुरु गोविन्द की फोज है ये,
उनकी न चुके फेर निशानी।
हिन्द जवानों से काम पडा,
मर जावोगे मौत के घाट ! ।।2॥
आजादी है दिलसे प्यारी,
बरबादी हम नहीं चाहते हैं ।
कट जाये, मर जायेंगे हम,
हटकर नहिं पीछे आते हैं।
तुकड्यादास कहे, इस रण में -
विजय हमारे साथ! ॥3॥