हम सेवक हर्षित है दिलसे, करनेको स्वागत आये है
# स्वागत गीत »
(तर्ज: भवसागर तारण कारण है...)
हम सेवक हर्षित है दिलसे, करनेको स्वागत आये है।
जिनकी थी आस भरी दिलमें, उनके दर्शन कर पाये है।।टेक।।
यश गाते थे तुम्हारा जगमें,
सुनते थे नाम भी जाहिर है।
वह मंगल समय मिला हमको, हम दर्शनलाभ उठाये है।।1॥
अब सूतकी फूलकी माल पिन्हायेंगे
दिल भरके विनय सनायेंगे।
उपदेश करो हमको अब तो, अपनी रग रग फैलाये है ।। 2॥
हम जैसे वीर जवानों को
तुम्हरा हरदम आशीश रहे।
आजाद रहे भारत हमरा, इस कारण दिल ललचाये है।।3॥