दिलमें छिपा चाँद मेरे, क्यों करूं बहाना ?
(तर्ज: बनके मस्ताना.. . )
दिलमें छिपा चाँद मेरे, क्यों करूं बहाना ? ।। टेक ।।
जबकि सारी दुनिया सोती ।
जागति है मेरी ज्योती ।
फाड फाड़ बादल सारे, तब लगे निशाना ।।1।।
नशा चढ़े, अनहद बोले।
सो$हं का पंछी डोले।
देख रहा हूँ में उसको, मेरा वह ठिकाना ।।2 ॥
मेरा प्यार मुझसे ही है।
बिना मेरे कोई नहीं है।
कहे दास तुकड्या मेरा में ही हूँ जमाना ।। 3 ॥