दिल दिया, सब दिया, अब न मैं ही रहा।
(तर्ज: तुइया मुरलीत माझी. ..)
दिल दिया, सब दिया, अब न मैं ही रहा।
अब तो तूही है मुझमें, कसमसे कहा ।। टेक ।।
मे तो था जबतलक थी भरी आसना।
था विषय मुझमें जबतक झुमा दास ना |
तेरी भक्ती के जादूसे सारा बहा ।।1।।
पहले दिखता था रोशन भरा मोहका।
क्रोध उठता था लूटो नशा द्रोहका ।
तेरी किरपा ने मेरी जलाई जहाँ ॥ 2 ॥
अब जो दुःख था वह सुखही दिखने लगा।
मौत भी हँसके देखू जी सिखने लगा।
कहता तुकड्या जो सहने का सारा सहा।।3॥