मेरे भारत के किसान! तेरा कौन नतीजा होगा?

(तर्ज: तुम्हारे पूजनको भगवान...)

मेरे भारत के किसान! तेरा कौन नतीजा होगा?।टेक।।
तेरी गैयाँ मरी बिचारी । उससे गयी किसानी सारी ।
अब तो बैल नहीं बलवान।। तेरा0।। 1।।
तू तो घुमता शराब ले ले। तेरे घरको कौन सम्हाले?
बच्चे चरित्रहीन महान ।। तेरा 0॥2॥
तुझमें शान बाहरी आयी । तूने कामकी हिम्मत खोयी ।
धनको लूट रहे ॕशैतान।। तेरा0 ॥3।।
तेरा बसा शहरमें डेरा। घरका काम बिगाड़ा सारा।
खेती छोड रही है प्राण ।। तेरा0 ।।4।।
तकड्यादास कहे तू दाता। था एक समय,सदा सुख पाता ।
अपने बूढोंका कर ध्यान।। तेरा 0।।5।।