सीखो लिखना -पढना सीखो, अन्धे क्यों रहते दुनियामें ? ।

तर्ज: हरदम रामभजन कर... )

सीखो लिखना -पढना सीखो, अन्धे क्यों रहते दुनियामें ? ।
बाचो रामायण - गीताको,अन्धे क्यों रहते दुनियामें ?।। टेक ।।
मानव-देह मिली अति प्यारी,सुन्दर दिखने को नर-नारी।
आँख नहीं जब शब्द पठनको रह गयो प्रेत सरीखो। अन्धे0।। 1।।
बचपन में सब खेल उठाया, अब तो दिल-दिलमें पछताया।
लिखनेवाले गये सामने, तुम मरते हो भूखो। अन्धे0।।2।।
अगर तुम्हारे मनमें आवे,तुम्हरा दिल सबही कर जावे।
छह महिनो में शब्द-ग्यान कर, उद्धरो इस जीको। अन्थे0 ।।3॥ 
मीठी बात पढोगे खासी, ग्यान-ध्यान पोथी सुखराशी।
तुकड्यादास कहे कहि मानो, मिला समय यह नीको । अन्धे0 ।।4।।