जानले अपना भरोसा, तूही मेरा राम है

(तर्ज : मानले कहना हमारा...)
जानले अपना भरोसा, तूही मेरा राम है ।।टेक।।
तूही तेरा राखले, ओम् तत् पदीको चाखले ।
झूठ माया झाँकले, फिर देख तनमें   श्याम   है ।।१।।
भावना दृढ धारले, अब दुजपन संहार ले ।
षड्विकारभी मारले, सुन सब तेरा यह काम है ।।२।।
जीवको बध्दा किना,सब मैलका भारा लिना ।
सत्यको छानेबिना, यह  झूठ   सारा   नाम   है ।।३।।
कहत तुकड्या जा रहा,सिर काल भ्रमसे आरहा |
सद्गुरु  नहि पा रहा, करके सुजानभी  बाम   है ।।४।।