छोटेसे दिलमें मेरे, प्रभू ! तू समा जा।

(तर्ज: बिगडी बनानेवाले... )

छोटेसे दिलमें मेरे, प्रभू ! तू समा जा।
नैया हमारी पार लगाजा ।। टेक ।।
गहरी है  नदिया, नाव  पुरानी ।
उसीके भरोसे मोरी जिंदगानी ।
ध्यान लगाये बैठा हूँ, पासमें बुलाजा ।। नैया 0 ।।१ ।।
कहीं ना ठिकान मोहे, प्रभू ना समाये ।
माने नहिं दिलि यह मेरा, बिना प्रभू गाये ।
तुकड्याकी आस पूरी,आयके बनाजा ।। नेया0 ।।२।।