अब छोड तनूका गर्व, लीन मनु ध्यायके रे !

(तर्ज : वारी जाऊ रे सांवरिया.... )
अब छोड तनूका गर्व, लीन मनु ध्यायके रे ! ।।टेक।।
भटक -भटककर आया रमके, मार पडे शिरपे तब जमके ।
राम भजो अब श्रीगुरू नमके, टूट सब जाय फेरे ।।१।।
देख जरा उलटी कर नयना । दसवेंपर है तेरा शयना ।
बाजत धूमधडाके बैना,  मैल   धुलाय   ले    रे ! ।।२।।
घडिपलका नहि देख भरोसा । जाय उमर फिर जमका फांसा।
कौन पुराबे दौरत आसा ? त्रास   हटाय   दे   रे ! ।।३।।
मान सुधर अब तन यह अपना । भूल न यह जग पलका सपना ।
कहत  तुकड्या निजरूप जपना, देख समायके रे ! ।।४।।