तू तो भजले सीताराम
(तर्ज : तू तो उड़ता पंछी यार तेरा कौन करे... )
तू तो भजले सीताराम । प्यारे क्या कपडेसे काम ? ।।टेक।।
कोई तुम्हारा साथी प्यारे ! मौतम्यान नहि आवेगा ।
नंगा आना नंगा जाना, कपडेमें पछतावेगा ।।१।।
कनक - अटारी माल-खजानेमें होता बेफाम ।
भाईबंधु कछु साथ न आवे, इनमें क्या आराम ? ।।२।।
आज तनूका उलटो कपड़ा, कपडे - अंदर सार ।
कुफर - कफरकी जूतों गाडी, जाना है बे पार ।।३।।
कहता तुकड्या मौत लगी पर नहि लेता तू नाम ।
कपडे - अंदर राम पछानो, फेर मिले निजधाम ।।४।।