समझले आपको बंदे ! जभी कादर बनो प्यारा ।
( तर्ज : अगर है शौक मिलनेकां...
समझले आपको बंदे ! जभी कादर बनो प्यारा ।
कुफरको तोडकर भाई ! जिगर दुइसे करो न्यारा ।।टेक।।
न जाना सोचके देवल, तूहि अविनाश है केवल ।
समझले आपनाही बल, गमन-आवा मिटे सारा ।।१।।
जहाँतक यह न जाना है, तहाँतक तू दिवाना है ।
नीति और धर्म माना है, आप लखने वही सारा ।।२।।
वही जानो अटल भक्ति, चली कुदरतसे मति-शक्ति ।
नहीं तो व्यर्थ अनुरक्ति, सहजमें नरतनू हारा ।।३।।
कहे तुकड्या जतन करना, रतनको देख दिल भरना ।
जनम और मरणसे तरना, ऐन हुस्नोंने तन तारा ।।४।।