सम्हलके सो रहो भाई ! यहाँ चोरन लुटाती है ।
( तर्ज : अगर है शौक मिलनेका... )
सम्हलके सो रहो भाई ! यहाँ चोरन लुटाती है ।
बड़े मौला-अलीबाबा, पकडके ले उठाती है ।।टेक।।
नहीं छोड़ा यहाँ कोई, सभीको चाट दे पाई ।
हुशारीसे बढो भाई ! हत्यारोंबिन कटाती है ।।१।।
संन्यासी -हजरती मीया, तडाकेसे सुला दिया ।
जिसने महबूब धर लिया, उसीसे वह छूटाती है ।।२।।
कहे तुकड्या दगाबाजी, पाँच-छह है यहाँ पाजी ।
हटेंगे गुरुबिना ना जी ! तभी तक यह गठाती है ।।३।।