क्यों भूल पडा ? क्यों भूल पडा ?
( तर्ज : मेरी सुनले अरज, मेरी सुनले... )
क्यों भूल पडा ? क्यों भूल पडा ?
क्यों भूल पड़ा? सुनके झूठा ।।टेक।।
प्रेमहिसे जन डूब रहे है,
प्रेम दिलाय अमर खूँटा ।।१।।
कर ऐसा जीव सुज्ञ दिवाने !
मैलनसे लपटा ठुठा ।।२।।
द्वैतहिसे सब डूब पडे है,
द्वैतहिने जगको लूटा ।।३।।
कहता तुकड्या भूल न पावे,
सद्गुरुके गुणसे छूटा ।।४।।