क्या खुदाई खुदीसे तगाद है ?
(तर्ज : नागरी जुल्फोपे दिल निसार है...)
क्या खुदाई खुदीसे तगाद है ?
हर जगहमें तूहि तू जकाद है ।।टेक।।
कल्मे पढनेसे मिलता कहींभी नही ।
यार ! देखो जहाँपे तहाँ है सही ।
उन्नतिको भुला करके वाद है ।।१।।
काबा घूमों या बुतखान जाओ जहाँ ।
काशी-मथुरा या मक्का न देखा वहाँ ।
घटके पटमें वह देखे नक्काद है ।।२।।
करलो तपसार प्यारे ! गुरुसे पूछो ।
इस जकनको जलकसेही सोचो बचो ।
दास तुकड्या गुलामी से बाद है ।।३।।