जुल्फ बैराग लेके नजूल हो ।
(तर्ज : नागरी जुल्फोपे दिल निसार है...)
जुल्फ बैराग लेके नजूल हो ।
क्या नजामें फँसे हो ये सूल हो ।।टेक।।
बाज गाती है आतीश तनके भितर ।
देख अनहद न दूजा कहीं पेशतर ।
एक कूलोंके अंदर सुकूल हो ।।१।।
सप्त कूलोंके ऊपर मजाही मजा ।
दृश्य - दर्शनतलकही बनी है सजा ।
ध्यान धरके उच्चारों फजूल हो ।।२।।
ताला जन्नतका खोला ख़ुलाही पडा ।
दास तुकड्या जिगरसे लढाई लड़ा ।
नाम गुरुका पढ़ेसे रसूल हो ।।३।।