अब आत्मरूप मिला ले पियारे !

( तर्ज : तुम बिन कौन सहायक मेरो....)
अब आत्मरूप मिला ले  पियारे !
सब विश्व तूही में सुन साथिया रे ! ।।टेक।।
कहाँ तेरा आना कहाँ तेरा जाना ? 
किसबिध तुझको किया रे ? ।।१।।
जगबीच आया क्या आप पाया ? 
जम - मार शिरपे लिया   रे ! ।।२।।
कछु लागी माया उसीमें गमाया, 
किसको न मान   दिया   रे ! ।।३।।
भटक रहा है भवमें बहा है, 
तुकड्या कहे कया जिया रे ! ।।४।।