दिलका मैल सफा कर लेना

(तर्ज : मोहे मीठी लागी प्यारे... )
दिलका मैल सफा कर लेना,
सबने यही भजन बोला ह ।।टेक।।
जीव फिरत फिरत जंग खाया । 
नहि निर्मल संग कमाया ।
उसे मानुज-तन यह पाया, 
करके अमोल यह तोला है ।।१।।
था जीवमध्य अज्ञाना ।
दिया उसे सुज्ञका बाना ।
सुज्ञने हरिभजन माना, तारा, 
दिया  रतन    झोला   है ।।२।।
धन सहनशीलता बाँके !
कर यही भजन अब जाके ।
फिर जन्ममरण कटवाके, 
आपीआप छंद खोला है ।।३।।
कहे तुकड्या खोज यही है ।
नहि तो भवधार बही है ।
फिर जमका मार वही है,
गिर जाय तनू  शोला  है ।।४।।