आयके मिलो हे प्यारे ! वास दास-पासमें
(तर्ज : जिंदगी सुधार बंदे !...)
आयके मिलो हे प्यारे ! वास दास-पासमें ।।टेक।।
भूल गया सुधही सारी, ख़ान-पान-सोना-यारी ।
चैन नहीं, मनमें तारी-लागूँ तेरी कासमें ।।१।।
हो रही दिवानी नैना, भूल पड़ी दिन या रैना ।
है न दिखे साला-मैना, डुबा प्रेम-फाँसमें ।।२।।
माना नहि तेरा कहना, इसी बातसे दुख सहना ।
भूल गया सुखसे रहना, द्वैतके निरासमें ।।३।।
कहे तुकड्या छोडे घरके, तेरा रूप मनमें धरके ।
पार जाऊं भवमें तरके, रूप मिले दासमें ।।४।।