आपका पछाना करलो, यही तेरा काम है

(तर्ज : जिंदगी सुधार बंदे !...)
आपका पछाना करलो, यही तेरा काम है ।।टेक।।
कहाँसे तू आया भाई ? वही धाम मनमें पाई ।
झूठ कीच संगमें लायी, यहींसे बेफाम   है ।।१।।
सभी अखाडोंमे मरते, कोई ना असलको धरते ।
साधु मान लेके फिरते, भजो कहे श्याम है ।।२।।
श्रवण सोहं ऐसे बोलो, मनन मैलको ले धोलो l
निजध्याससे पट खोलो, जान फेर धाम है ।।३।।
कहे तुकड्या जैसाही थ, वैसाही रहा है तोता ।
घूँघट मायाका  गोता, दे   करे   गुलाम   है ।।४।।