है बडा कठिन जमघाट, ठाठसे कैसा जायेगा ?

(तर्ज : ना छेड़ी गाली देऊँगी भरने... )
है बडा कठिन जमघाट, ठाठसे कैसा जायेगा ? ।।टेक।।
पश्चिमसे घाट ऊँचारा, पूरबसे मध्यम धारा |
जब अकबत पावे सारा, भटका कैसा पायेगा ? ।।१।।
ले सही मीन का बाना, कर उडान जलमें जाना l
भटका तो फिर पछताना, गोते   खाते   आयेगा ।।२।।
हठयोग बडा है भारी, वह कर न सके नरनारी ।
पर. गुरु-चरण- अधिकारी, महिमा न्यारी पायेगा ।।३।।
कहे तुकड्या निजको पाना, तो गुरुचरण धर लेना ।
बिरथा गुरुके बिन जीना, सत्‌को पीना   चाहेगा ।।४।।