त्याग कर प्यारे ! इस मायाका बे ।
(तर्ज : गुरूको देखो अपने घटमाही. . . )
त्याग कर प्यारे ! इस मायाका बे । दिया तुझे इसने धोखा बे ! ।।टेक।।
भटक भटकाया, जन्म मरण फेरे । कुमति से हुए पाप तेरे ।
पुण्यकों नाही, सुनके दिल दे रे ! तभी जमराज तुझे घेरे ।
अनीति होवे, उठ क्यों सोया बे ? दिया तुझे ०।।१।।
सभी यह मेरा करके तन खोया । लगी सब दिलभर यह माया।
कभी ना प्यारे ! सद्गुरु-गुण गाया । नहीं थी पुण्यरूप छाया ।
पाप सब भरा, घट मठमें राबे ।। दिया तुझे ०।।२।।
उमर सब खोई , मात-पितामें रे ! कौन साथी होवे तेरे ?
समझ दिल अंदर, पूछ गुरूसे रे ! दास तुकड्या का दिल हेरे ।
गुरु - चरणोसे अधर्म धोया बे !।।दिया तुझे०।।३।।