अब क्या पूछ रहे हो यार !

(गजल - ताल तीन)
अब क्या पूछ रहे हो यार ! दिलमें राम -भरोसा राखो ।।टेक।।
पूछत पूछत वक्त गमायी, करनेको नहिं ठाडे ।
यह सुन वह सुन करते करते, होंगी बंद किवाडे ।।१।।
चारोंके मत चारों जगमें, एक नहीं एकीमें ।
एकी तो चारोंसे  न्यारी,   सदा     रहो    नेकीमें ।।२।।
सीख सीखकर वक्त गमायी, क्यों करते हो भारा।
अतःकाल नही एक कामका, होवे न्यारा  न्यारा ।।३।।
गुरुचरण विश्वास रखो, यह ऊँचा पंथ तुम्हारा ।
उसी बचनसे मुक्त रहोगे, सब यह  ढोंग - धतूरा ।।४।।
तुकड्यादास कहे मत भूलो, इन बातनके रंगमें ।
सतसंगत भरपूर सिधाओ, मस्त रहो उस भंगमें ।।५।।