तमन्ना है यही दिलमें, तुम्हारे पास मर जाऊँ ।
(तर्ज : अगर है शौक मिलने का ...)
तमन्ना है यही दिलमें, तुम्हारे पास मर जाऊँ ।
न कुछभी साथ आता है, यही आखरमें कर जाऊँ ।।टेक।।
कई लाखों गये मरघट, न कुछ भी साथ ले लीन्हा ।
पकड एक नामकी झोली, यह झगडा फेर हर जाऊँ ।।१।।
सबरकी राहमें हरदम, लगा दे लौ मेरे साँई ! ।
प्रभू ! हरदम जपूँ तुमको, यही आखरमें कर जाऊँ ।।२।।
ढूँढी दुनिया, न कुछ साथी, कई जाने लगे घरमें ।
वह तुकड्यादासकी आशा, गुरु - पदमें गुजर जाऊँ ।।३।।