किया क्या काम दुनियामें
(तर्ज : अगर है शौक मिलने का ...)
किया क्या काम दुनियामें, जमाकर ख्यालको सारे ।
पूछे जब यार आखरमें, बताना होयगा प्यारे! ।।टेक।।
बुराई जा रहे दोजक, भलाई पा रहे जन्नत ।
अभीसे याद रख उसकी, न चुकती है सजा प्यारे ! ।।१।।
खडी की जायगी पेशी, लिखा हो जो जनम भरमें ।
जगह दी जायगी वहही, न मैला मीटता प्यारे ।।२।।
छोडदे झूठकी संगत, पकर एक नाम ईश्वरका ।
वह तुकड्यादास कहता है, मिलो दिलदारमें जा रे ! ।।३।।