हम भले बुरे पर हे तो तेरे । याद भूलो ना पलभी हमारी हरी
(तर्ज: सुनते थे नाम हम...)
हम भले बुरे पर हे तो तेरे ।
याद भूलो ना पलभी हमारी हरी ! ।।टेक।।
जो कुछभी बनती करते है सेवा !
कितनी भी आफतमें भजते है देवा ।
छायी नशा तेरी माधुरी !
कभी गाते है नाम, कभी होते बदनाम । याद भूलो ना0 ।।१।।
मायाके झंझट की बूरी बला है ।
तेरी मेहेर बिन कुछ ना हिला है ।
तुकड्या निभा लेना आखरी ।
फिर होते बेडर, चाहे घूमे किधर। याद भूलो ना0।।२।।