कहोना मुकाम तुम्हार । साधो भाई !

(तर्ज:ऐसे दिवानेको देखो भैया...)  
कहोना मुकाम तुम्हार । साधो भाई ! कहोना मुकाम तुम्हार ।।टेक।।
कौन बाटसे तुम आये हो ? कहाँपर बासा किन्हा ?
कौन बाटसे अब जाओगे ? कहदो  हमको   सार ।।१।।
कहाँपर ठाना दीन्हा अपना ? कैसा वह दरबार ?
कौन तुम्हारे मात-पिताजी ? कैसे    उतरे   पार ? ।।२।।
कौन काम करनेको आये? किसका यह बेपार ?
क्या लाये थे ? क्या लेलोगे ? कहो  हमें   कथवार ।।३।।
कहाँ तुम्हारा आना जाना ? कौन अवस्था धार ?
किसने पैदा कीन्हा तुमको ? बोलो सकल परिवार ।।४।।
कहता तुकड्यादास गुरुका, नहीं हमको इतबार।
गुरुबिन ग्यान प्रगट नहिं होवे, गुरुकिरपा ले  यार ! ।।५।।