अपना ! अपना ! ! तेरा नाम बना दे अपना ।। टेक।।
तर्ज : सजना ! काहे भूल गये दिन... )
अपना ! अपना ! ! तेरा नाम बना दे अपना ।। टेक।।
जिसपर तूने प्रेम किया है।
बतला तू-तेरा कौन यहाँ है ?
थोड़े दिनका है ये सपना !।॥ सपना0॥१॥
यह धन -दारा कितने दिनकी ?
समय पडेपर रहे न किनकी ! !
क्यों फिर इनको लेकर जपना ?।। जपना0।।2।।
काया भी तो साथ न देगी।
मुर्दा बनकर खाली पडेगी ।।
उसको आखिर होगा फूँकना।। फूँकना0॥3॥
तुकड्यादास कहे प्रभु सुमरे।
उनके कोटी जन्म सुधारे।।
क्यों सुख छोडे, हैं इतना ॥ इतना0॥4।।