दिलमे आशा तेरी, अभिलाषा तेरी
(तर्ज; सुनते थे नाम हम...)
दिलमे आशा तेरी, अभिलाषा तेरी ।
मेरा बेडा यह नाथ ! पार तुही करेगा ।।टेक।।
चाहे भले हो, चाहे बुरे हो ।
चाहे हो किसके, यातो तेरे हो ।
पर आज सबसे जी धो गया ।
तेरी छायी नशा, तूही जीम बसा ।
मेरा बेडा यह नाथ! पार तूही करेगा ।।१।।
गर ना यह होता तो कबकाही मरता ।
इसने किये पाप कोई न करता ।
मुझसे जरा वह जमभी है डरता ।
दास तुकड्या कहे, हम तो तेरे रहे ।
मेरा बेडा यह नाथ ! पार तूही करेगा ।।२।।