हमारा प्यारा हमें जगतसे
(तर्ज : शंकरजी मैं बाल तुम्हारो... )
हमारा प्यारा हमें जगतसे, अखेर पालनवार है ।
पूरा भरोसा लिया है दिलमें, यही भजनका सार है ।।टेक।।
न हमको करना कवीसरीको, न ज्ञान हममें यार! है ।
बने है बंदे मगजके पूरे, हुए जगतसे न्यार है ।।१।।
न हम समझते किसीकी चर्चा, खुशीसे बेडा पार है ।
न हम लड़ेंगे किसीसे बातें, सदा धरें निर्धार है ।।२।।
न हम पढ़ेंगे किताब पोथी, गुरुचरणपर प्यार है ।
रखा भरोसा उसीका दिलमें, हमें वही दिलदार है ।।३।।
चाहे बनालो लगे वहीसा, सभी तुम्हें अधिकार है ।
वह दास तुकड्या बना है पागल, जगतसे खाई हार है ।।४।।