झुरनी लागी, झुरनी लागी ।

(तर्ज : तेरी कलबल है न्यारी...)
झुरनी लागी, झुरनी लागी । तन-झुरनी कबसे जारी है ।।टेक।।
तनलकडी-बल जावे पलमें, (फिर) हाथी ना अंबारी है ।।१।।
कुछ न रहे आखिर सब जावे, सिरपे काल - सवारी  है ।।२।।
अबसे कर आशा जानेकी, तनमें    राम    बिहारी    है ।।३।।
तुकड्यादास कहे चल ऊठो, काल - झपाटा भारी   है ।।४।।