अरे ! राम भजो, अरे ! राम भजो
(तर्ज : तेरी कलबल हे न्यारी... )
अरे ! राम भजो, अरे ! राम भजो । रे ! राम भजो, पछताओगे ।।टेक।।
यह मेरा वह मेरा कहकर, हाथ पसारत जाओगे ।।१।।
धन - संपत यह खूब कमाई, आखिर देह गमाओगे ।।२।।
जोरू लड़के मित्र गडी गण, कोउ न साथ लिजाओगे ।।३।।
जीते दमका नाता भाई ! आखिर मरघट छाओगे ।।४।।
तुकड्यादास कहे कहि मानो, राम भजो सुख पाओगे ।।५।।