दिन बीता हैं, दिन बीता है ।
(तर्ज : तेरी कलबल है न्यारी...)
दिन बीता हैं, दिन बीता है। दिन बीता हैं, मत देर करो ।।टेक।।
साधन क्या साधे हो जगमें, आज किया अरु काल मरो ।।१।।
नाथ हमारे आडकुजी है, जीके जाकर पैर परो ।।२।।
कौन पुछे फिर मुरदे - पनमें, मरनेकी मत आस करो ।।३।।
तुकड्यादास कहे कुछ साधो, सद्गुरु- चरण नहीं बिसरो ।।४।।